Thursday 29 October 2015

कैरियर/उच्च शिक्षा/पैसे की जरूरत..........................

आज की जिन्दगी काफी तरह –तरह के जीवन के खर्चो में गुजरने वाली है. खर्चा शब्द इसलिए यहा पर लिख रही हु क्योंकि खर्चा शब्द अब बढती हुई महंगाई से जुड़ा है. और निजी जीवन में लगने वाली चीजे भी काफी महंगी मिलने लगी है. उस गरज को पूरा करने के लिए हर व्यक्ति को आर्थिक रूप में मजबूत होना जरुरी है. उस आमदनी का सीधा जुड़ाव उनके चुने हुए कैरियर से है. कई सारे चीजो के लिए केवल और केवल खर्चे (ज्यादा से ज्यादा पैसो की जरूरत है). तो इस वजह से जब कोई विद्यार्थी कैरियर का चुनाव करता है उसमे वास्तविकता को नजर के सामने रखे. उसके साथ इंटरेस्ट को भी बरकरार रखना है. कैरियर अगर काम और उससे जुडा हुआ आर्थिक जरूरत से जुडी तो बेहतर है. ताकि उनके आगे की जिदंगी बेहतर हो पाए.

वाचा संस्था के बच्चे काफी करके बस्तियों में बसे हुए है. उन्हें वो हर दिन वही गटर की नालीछोटे-छोटे झोपडिया और आसपास का भरा हुआ माहोल जहा पर खुद का कोई स्पेस नहीवही बदबूवही हिंसा और अन्य बातो से बच्चे उलझे हुए है. तो ऐसे वक्त में लगता है की इन बच्चो को इन बस्तियों से जल्द से जल्द निकलने की जरूरत है. उन्हें अपने जीवन की शुरुवात किसी बेहतर जगह से करने की जरूरत है. जहा पर जीवन की सीख के साथ अपने कैरियर को बनाने की भी पढाई हो.

हमेशा लगता है की, जिस जगह से (बस्ती जैसे इलाके या संकुंचित वृत्ती के साथ रहने वाले लोग) बच्चे आये है पहले उन्हें वहा से निकालने की जरूरत है. तो उसके लिए यह ज्यादा जरुरी है की दसवी के बाद की पढाई की शुरुवात वे किसी ढंग के कॉलेज से करे जिसमे उन्हें काफी आनंदायी पढ़ाई और उसके साथ सिखने की ललक पैदा करनेवाली शिक्षासंस्था हो. उसके साथ यह भी बात जरुरी है की,  बच्चो को क्लास रूम लर्निंग के साथ-साथ कुछ ऐसे भी चीजे करने का मौका हो जहा पर वे अपने इंटरेस्टअपने बातो को रखने के लिए पूरा मौक़ा हो. तो उनके जीवन में उस पढ़ाई के दौरान कुछ भी हो जाए लेकिन वे अपने पढ़ाई को ना छोड़े. क्योंकि पढाई को आधा-अधुरा छोड़कर अगर वे फिर एक बार उसी जिदंगी में फिर से लौट रहे है तो उससे बचने के लिए वह संस्था उसे मदद करे जैसे की कोई हॉस्टल फैसिलिटी या आर्थिक रूप से आगे बढ़ने के लिए उसे कोई पार्ट टाइम नौकरी प्रदान करे ताकि वो अपने पढ़ाई को पूरी कर सके.

कैरियर के चुनाव में यह बाते भी जरुरी है की इन बच्चो के लिए उच्च शिक्षा बेहद जरुरी है क्योंकि छोटे-मोटे कोर्स करने से जीवन नहीं बनता शायद वे पैसे किसी एक कोर्स में मिल जाए लेकिन उसके साथ जीवन की शिक्षा वे अपने दोस्तटीचर और रोजमर्रा जीवन में सिखने मिलेगी. और एक बात भी बेहद जरुरी होगी की, जितना वे किसी विशेष कोर्स और उच्च शिक्षा को लेकर आगे बढ़ेगे उतना ही उनका ज्ञानकौशल्य बढेगा.  

वाचा संस्था का काम उन बच्चो के साथ है जिनमे से कुछ मध्यम वर्गीय है तो कुछ निम्नस्तर SES ग्रुप के है. उनके घरो में पढ़ाई के लिए पैसे की बात तो बेशक आती होगी क्योंकि उनके अभिभावकों के पास इतनी आमदनी नही है (शिक्षा को पूरा करने के लिए भी पैसे की जरुरत है) की वे उनके बच्चो के लिए पैसो का जुगाड़ कर सके (वैसे तो अब काफी सरकारी और गैर-सरकारी स्कालरशिप है जो बच्चो को पढ़ाई के लिए मदद करती है). और दूसरी लेबलिंग लड़की होने की नाते होती है की जहा पर उसके जीवन में पढ़ाई का ऐसा कोई महत्त्व नही होता. जिस वजह से लडकिया हमेशा से ही शिक्षा से अलिप्त होती है.

अगर लडको की बात की जाए तो, उन्हें पढने में ऐसी कोई समस्या नही आती क्योंकि वहा पर पूरी तरीके से स्वतंत्रता होती है. लेकिन जो लड़के लोअर SES है उन्हें आगे बढना बेहद मुश्किल है क्योंकि उनको घर की जिमेद्दारी थोपि जाती तो ऐसे लड़के ना चाहते हुए भी पढ़ नही सकते क्योंकि परिवार वालो के लिए बेटे ने अब घरेलु आर्थिक जरुरतो का काम हाथ में लेना होता है. तो ऐसे लड़के भी घर के जरुरतो को देखकर भी अपने कैरियर की शुरुवात करते है जहा पर उन्हें आमदनी अच्छी मिले.

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