Wednesday 28 October 2015

मैडिटेशन के साथ फिर एक बार मुलाक़ात............................

मेरे जीवन में मैडिटेशन का मौक़ा तीन साल बाद आया. आखरी मैडिटेशन हुआ था. उसके बाद अब Awaken Circle मैडिटेशन करने का मौका मिला. कई बार मन में चल रहा था की क्यों नही कर पा रही हु. इस तरह के ग्रुप सिटींग के लिए सोच रही थी लेकिन आखिर में मुझे मिल ही गया. कल लगा जैसे की अपने जीवन का श्रीगणेशा (शुरुआत) करने मिला. उसके दुसरे दिन अपने नए नौकरी (वाचा संस्था) की शुरुआत. सबकुछ मस्त भी लग रहा है. कल रात को आते समय ट्रेन में मुझे एक औरत मिली. उसके पास से मैंने कान की बुट्टीया खरीदी. जब निकलने का समय आ रहा था, मुझे उन्होने मेरे काम के बारे में पूछा. मैंने कहा की मै कल से एक नए काम की शुरुवात करने वाली हु. उन्होंने मुझे प्यार भरी दुवा दी और कहा की मेरे इस नए जॉब के लिए मै जरुर सफल हो जाउंगी. क्योंकि उसके पहले मुझे इस नए जॉब के लिए ऐसी कोई ख़ुशी नही मिल रही थी. लेकिन उस औरत के शब्दों के बाद लगा की कुछ तो मै जरुर इस काम में करने वाली हु. इसलिए इस नए जॉब का स्वागत करना है. ना की उससे मुह फेर देना है. दूसरी बात यह भी मुझे लग रही थी की, जो भी अब मेरे जीवन में हो रहा है याने की नौकरी लगना, मैडिटेशन के लिए ग्रुप मिलना, पाच दिन का पेड़ वोलंटरी काम खुला आसमान इस संस्था में, मम्मी के साथ बातचीत. इस सभी का सबंध मेरे जीवन से जरुर जुडा है क्योंकि यह सारे जीवन के अलग-अलग अनुभव मुझे अपने जीवन एक अंतिम उद्देश को साकार करने वाला है. जिसका अब मुझे पता है लेकिन अब उसे बताने के लिए ऐसे कोई शब्द नही है. लेकिन जिस दिन वो मुझे समझ आये तो उसके बाद उस बात को लिखने के लिया आ जाएगा

कल के मैडिटेशन में कुछ एक चीजे वाकई में नइ थी की उसमे मुझे कई सारी बारीकी चीजो का अहसास हो रहा था. मै उन हर बारीक बातो को मैने अपने जीवन से जोड़ा था. जिसकी मुझे बहुत ही जरूरत महसूस होने लगी थी. ग्रुप में एक व्यक्ति अपने एक सोच को बता रहे थे की, अगर हम अपने जीवन में नंगे हो जाए याने की जैसे है वैसे दिखाये तो उससे होगा ऐसा की, एक नैसर्गिक जीवन जीने मिल रहा है. कोई भी चुपा-चुपी वाला खेल ना होगा.


इस ग्रुप में आने के बाद उस कमरे की बाहर वाली जिन्दगी मानो है ही नही या उसका मेरे जीवन में ऐसे कोई महत्त्व ही नही है ऐसे लग रहा था. दुनिया के तामझाम से मुझे कोई मतलब ना था. जिन्दगी बहुत हि अच्छी और नजदीक लगने लगी थी. 


30 अक्टूबर 2015

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