Wednesday 6 May 2015

काश! यह केस हिस्ट्री फॉर्मेट हर घरो में भी लागू हो जाता.......

किसी बातो, व्यवहार को समझने के लिए जिन्दगी में कोई होगा तो जीना कितना आसान हो जाएगा. क्योंकि कई बार ऐसे होता है, की किसी ने कुछ कहा की लगने लगता है की उसने ऐसे क्यों कहा? किसलिए कहा? और इस वजह से रिश्तो में कितने सारे विचारो के मतभेद होने लगते है. फिर रिश्तो में झगड़े, तणाव निर्माण होना, मनमुटाव होना इस तरह से रिश्तो में उलझने पैदा हो जाती है. इस मामले में सोशल फील्ड में काम करने से लोगो को समझने के लिए मौक़ा पैदा कर देता है. इस शिक्षा में व्यक्ति के पहले के जीवन को जाच-पड़ताल करना बेहद जरुरी होता है जैसे की कोई घटना, बचपन वाला इतिहास, कोई मेडिकल history, व्यक्ती के नाते-सबंध और कई सारे घटक शामिल है.

इन बातो से पता चलता है की, व्यक्ती के जीवन के हर पहलु को देखते हुए हमें यह समझना है की वो ऐसे विचार क्यों करता है, वो इस तरीके से क्यों रहता है? उसने इस तरह के जीवन में कदम क्यों उठाये? इन बातो को समझने के लिए समाज में रहने वाले लोगो के लिए ऐसी संस्थाए निर्माण की गई. ताकि वो लोगो को समझकर उनके लिए क्या बेहतर किया जा सकता है. इसलिए भी अगर कोई क्रिमिनल भी हो तो उसके जीवन को समझकर उसे आगे के जीवन के लिए, नियोजन किया जाता है ताकि आनेवाले कल के लिए वो अपने जीवन को बेहतर बना पाए.


तो ऐसे ही लगता है की यही केस हिस्ट्री फॉर्मेट अपने सामन्य जीवन में पैदा हुआ तो जीना कितना आसान होता. क्योंकि हर घर में कोई किसी को समझकर उसी तरीके के से अपने और अपने सामने वाले के साथ बेहतर रिश्ते बनाने के बारे में सोचता. तो कभी भी ऐसे सुनाई देता होगा, बच्चो की जमती नही उनके माता पिता के साथ, सास और बहु में नोक-झोक इत्यादि. तो ऐसे में लगता है की क्यों ना बहु सास को केस हिस्ट्री फॉर्म भरकर बीवी को समझे और उसके आगे की सोचे की रिश्ते को कितना अच्छा बना पा सकते है यह सोचे. उसमे किसी भी तरह का ना कोई जजमेंट होगा, ना की कोई- रोना-धोना. उस रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए उसकी प्लानिंग की जायेगी. यह सुनने में बडी आदर्श वादी लाइन लगती है. लेकिन ऐसे होने में न जाने कितने साल लगेंगे.

इन रिश्तो में एक ही एजेंडा होना चाहिए की एकदुसरे के साथ जब तक जिंदा है तब तक रहना है, लेकिन जो भी मन-मुटाव है, जो भी गुस्सा, इर्षा किसी के प्रती है उसे जल्द ही जल्द एकदुसरे के साथ बैठकर सुलझा दे ताकि दोनों का रिश्ता बेहतर बना पाए और वे भरपूर जिए, ख़ुशी-ख़ुशी.  


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