Friday 30 May 2014

आज कई दिनों के बाद टाइपिंग कर रही हु लेकिन बाये हाथ की कलाई दुखने लगी  है, पता नही क्यों शायद बहुत दिनों बाद लिख रही हु. टाइपिंग करने की आदत छुट गयी थी इसलिए इतनी दिक्कत हो रही थी. लेकिन इस हाथ को फिर एक बार लैपटॉप के कीबोर्ड पर लाने की जरुरत है.

इन दिनों की छुट्टिया काफी समय गर्मी को कम करने में चली गई. तो गर्मी को को कम करने के लिए ठंडा छास, फर्श को ठन्डे पाणी से पोछना, दिन में दो बार नहाना, शाम को रेसकोर्स की तरफ टहलने जाना यही इन्ही बातो में वक्त बीत रहा है. बहुत कुछ करने को मन था ही नहीं, थोड़ा बहुत पढ़ पाए और कुछ-कुछ लिख पाई अपने डायरी/ब्लॉग पर. दोपहर की जलती हुई गर्मी में तीन-चार घंटे तक फिल्मे देख पाए जैसे की अभिमान, गैम्बलर, मदहोशी, यादें, और अन्य कई सारी फिल्मे देखी जो अपने कॉलेज के समय में नहीं देख पाए. लग रहा था की अपना टाइम काफी बर्बाद कर रही हु लेकिन अपने कुछ टीचर कह रहे थे की, इस तरह का भी वक्त बिताने की जरुरत है. उसी के साथ हर रविवार को कितनी सारी शादिया में भी जाने का मौक़ा मिला, कई सारे रिश्तेदारों से मुलाक़ात हुई जिन्हें जानते थे लेकिन उन्हें बरसो बाद मिल रहे थे और जिन्हें जानते नहीं थे उन्हें मिलने का मौक़ा मिला. हसी के ठहाको में शादी के घर में वक्त बीतता था.


अभी बस राह देख रहे है की कॉलेज कब शुरू होता है ताकि अपने रोजमर्रा जिंदगी को सही पटरी पर ला सके. अपने साथी भी शायद ऐसा ही कुछ सोच रहे होगे लेकिन लगता नहीं क्योंकि कई सारे स्टूडेंट्स अपने घरवालो को छोड़कर टिस में पढने आये है तो बेशख नहीं चाहेंगे की छुटिया जल्दी खत्म हो. लेकिन अपने साथियो से तो यही कहना चाहूंगी की वे अब के बचे हुए कुछ और दिन है उसे ख़ुशी से अपने परिवार, दोस्त, पडोसी, टीचर्स के साथ बिताये और जल्द ही अपने टिस में सही सलामत लौट आये. HAPPY HOLIDAY TO MY ALL FRIENDS. 

No comments:

Post a Comment