Monday 11 November 2013

Educating for life................................


बच्चा जब जनमं लेता है, उसी वकत से उसकी सिखने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, पर यह शुरुवात उसके परिवार से होती है| चुकी उसका विकास करने की जबाबदारी विशेष की रूपसे उसके माँ तथा पिताजी के ऊपर आती है| पर यह विकास की प्रक्रिया सही तरीके से हो तो बच्चे का भविष्य उज्वल हो जाता है|


और फिर जब बच्चा स्कूल जाता है तो उसे उसके टीचर को सोपा दिया जाता है| बच्चा स्कूल मैं करीबन ५ से ६ घंटे गुजरता है| इन घंटो मैं जो शिक्षा उसे मिलती है वह जरुरी है| आजकल स्कूल मैं गतिविधि आधारित शिक्षण दिया जाता है, चिकी वह बच्चोंके के अकादेमिक विकास, मानसिक विकास, कौशल्य विकास के लिए जरुरी होता है| पर इसका महत्व बहुत कम लोंगोंको होता है, तो जब घरमे बच्चोंको असायमेंट तथा प्रोजेक्ट दिया जाता है, तो अभिभावक की और से उसके प्रती निराशा जागती है| वे सिर्फ यह गतिविधि करने के लिए करते है, और तो उनमे बच्चोंका सहभाग कम होता है|

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