Monday 11 November 2013

असर डर का बालअवस्था में............................................


अगर हम विश्वास की बात करे तो, बच्चा इस बात का बेहतरींन उदाहरण है क्योंकि वे बड़े या छोटे व्यकियोंपर तुरंत किसीभी बात पर विश्वास रखते हैबच्चो को शुरुवात से ही बहुत सारे डर को उनके मन में पैदा किये जाते है| जैसे किसी व्यक्ति या काल्पनिक बातोंसे से डर पैदा किया जाता है| बहुत बार बच्चोंके मन में हम पोलिस, भुत, दाढ़ीवाला बुआ, किसी स्थल जैसे, नदी, कुआ, नल, स्मशान घाट या अन्य जगह पर जाने के लिए हम बच्चोंको रोकते है, जिससे बच्चेका यह डर बड़े होने तक रहता है, और तो और वे अपने मन में उन चीजोंके के बारे मे धारणा बना लेते है| और उसे में ही अपनी जिंदगी जीते है, तो इसलिए जब भी हम बच्चे से बाते करे, तो उनसे ऐसी कोई भी चीजोंका जिक्र नहीं किया जाये, जिससे उनके मन में डर पैदा हो जाये|


जब बच्चे को स्कूल में भेजा जाता है, तो बच्चे को स्कूल में भेजने से पहले ही उस बच्चे को स्कूल के बारे में खौफनाक बाते बताई जाती है जैसे, “तुम्हे स्कूल में ही रखा जायेगा, तुम्हे टीचर ............ करेंगेऔर तो और बच्चे के सामने यह भी बात बताई जाती है की, “तुम तो यहाँ पर सीधे नहीं रहते तो तुम्हे स्कुल मे अच्छा सबक मिलेगातो इस तरह से बच्चे के मन में टीचर्स के प्रति डराया जाता है, तो जब हम स्कूल में जाते है तो अस्सेम्ब्ली के देर आते हुए बच्चे, गेट के बाहर खड़े रहते हुए पाए जाते है, तो कुछ बच्चे ऐसे है की टीचर मारते है तो उनके पढ़ाने के कालांश में वह बच्चा भाग जाता है पर वह आगे कालांश मे रहता है|


यह डर बच्चे के लिए इतना अजीब होता है की, वह टीचर को एक यमदुत के नजरिये से देखता/देखती है, ना की टीचर एक व्यक्ति है| इसलिए एक बच्चा और टीचर के बीच काफी फासले होते है| जिस स्कूल में भयमुक्त वातावरण रहता है वहां के बच्चे इन बच्चोंसे काफी अलग है| जैसे गैंजी तथा बरोठी के स्कूल के बच्चोमें एक बात दिखाई देती है की वे स्कूल मे रहना काफी पसंद करते है, गेंजी स्कूल की लडकिया कहती है की, “हमे इस स्कूल से जाना नहीं है, यह स्कूल १० वी तक हो जाये तो बहुत अच्छा होगा|” तो यह स्कूल के प्रती लगाव देखके काफी ख़ुशी महसूस होती है, क्योंकि बच्चे अपने स्कूल को घर की तरह मानते है| एक और बात देखने मिलती है की बच्चोंको स्कूल में बोलने का काफी मौका दिया जाता है| इसलिए वे अपने टीचर से बिना झिजक बात करते है| यहाँ के टीचर बच्चोंके ख़ुशी तथा उनके भविष्य के बारे में काफी सोचते है तो वे ऐसा ही कार्य करते है जो बच्चोंके के लिए सही हो|

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