Tuesday 12 November 2013

जब दुःख होता है?....................

जब दुःख होता है? तब अपने आप को मारने की कोशिश क्यों की जाती है?

क्यों जिन्दगी इतनी सस्ती लगने लगती है?

क्या उस वक़्त उस दुःख को नहीं बोल सकते की क्यों मेरे पीछे पड़े हो?

उस दुःख, तकलीफ को बोलो, जाओ यहाँ से,

तुम्हारा कुछ काम नहीं मेरे जिंदगी में,

आते हो फालतू का परेशान करने के लिए................


यह दुःख, वेदना, परेशानी मन पर,

इतना काबू करती है की पूछो मत,

वो खुद ही खुद पुरे शरीर और मन को चलाती है....................


यह तो सबसे बड़ा ज़िन्दगी का भुत है,  

उसे किसी जादूटोना, बाबा की जरुरत नहीं है,

तो उसे काबू में कर लो और उसे निकालने के लिए,

खुद के साहस, आत्मविश्वास, अपने अस्तित्व की जरुरत है,

और उस के साथ - साथ उस खुदा की जरूरत है,


जो तुम्हे कार्य समाप्ति के लिए मदद करेगा............................. 

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