Monday 11 November 2013

जियो जी भर के............................


जिंदगी में क्या कुछ करना पड़ता है | नौकरी करो, शादी करो, बच्चे पैदा करो, इत्यादि | यह सबकुछ किसलिए ? हमारे घरवालोंके के लिए, जहा मै काम कर रही हू उनके लिए, और कही ना कही खुद के लिए भी, क्योंकि बिना कुछ करे हम रह नहीं सकते | बिना कुछ करे जिंदगी बेकार चलेगी, हमारा मन जीने के लिए मुकर जाएगा | अगर काम करते है तो जीने के लिए भी वो प्रोत्साहित करता है | मेरे एक सहेली का कहना है, “अगर हम काम किसीके के लिए करते है तो उन्हें खुशी मिलती है, और उनकी खुशी तो हमारी खुशी हैतो मैंने कहा, “ठीक है, सबके लिए किया या फिर सबकी की सुनी, पर मेरी कौन सुनेगा?” उसने कहा,  “ऐसे मत सोचोतब फिर एक बार लगा की, जिंदगी में अगर हम किसीके के लिए कुछ करते है, तो क्या हुआ? क्योंकि हमारा जनम उन लोगोंके लिए ही बना है | हमारा अस्तित्व ही उन लोगोंको के लिए बना है और हमारे अस्तित्व की पहचान वो सारे लोग ही करते है, जब वे महफ़िल में बैठते है तो वे ही हमारे बारे में बताते है की मै कौन हू? जो बेहतरीन ढंग से बताते है | जिससे हम अपने बारे में सोचते है, समझते है, जानते है | और उसकी वजह से हम अपने विचार तथा काम को ढंग से करने का प्रयास करते है और उस perfection की सीमा को छूने की कोशिश करते है | और उसके लिए हम कई प्रकार के काम करते है जैसे पढाई करना, स्पर्धा परिक्षाए देना, लोगों से अच्छा व्यवहार रखना इत्यादी | तो उसमे हम अपने जिंदगी में व्यस्त रहने लगते है | और फिर हम जिंदगी का हर दिन गुजारते है | और एक दिन ऐसा आता है की, इस दुनिया को छोड़ देते है, फिर कई लोग मरने के बाद कहते है की, ये व्यक्ति बहुत अच्छा था क्योंकि, उसने अपने बच्चो को पढ़ाया, लिखाया, आखरी बच्ची की शादी कर दी | अगर वो इंसान बुरा निकलता है तो उसे कहते है की, उसने अपने पहले बीबी को छोड़ के दूसरी से शादी की, लोगोसे कभी बात नहीं करता था, उसका मुह अच्छा नहीं था मेरा हर दिन खराब जाता था इत्यादि

No comments:

Post a Comment