आज में टेलर आंटी के पास गई थी
| मैंने उससे कहा कि, मेरा
फटे हुए शर्ट सिलाके दीजिए, उन्होंने
कहा कि वो सिलाके दे देगी | तो
बातो बातो में पूछने लगी कि, क्या
कर रही हो | मैंने जवाब दिया कि मेरी ट्रेनिंग चल रही है | और उसके बाद में और पढ़ना चाहती हू | उन्होंने कहा कि, बहुत
अच्छा ! वो आगे कहने लगी कि, आजकल
लड़किया बहुत पढ़ने लगी है | क्योंकि
लड़किया कर सकती है | वे बहुत कुछ सह सकती है | वो पढके पुरे को घर को संभालती है | लेकिन यह लड्कोंके के लिए काफी भारी है | वो कोनसा भी भार सह नहीं सकते | लड़किया आजकल बहुत आगे बढ़ रही है | यह लड़के तो पढते ही नहीं | क्योंकि उनके लिए सारे भार को संभालना कठिन है|
मुझे यह बात सुनकर लगा कि, क्या औरते वाकई में सहनशील है जैसे कि मैंने पहले सोचा था | हां वे सहनशील है क्योंकि कुछ औरते पहले से ही सहनशील बनाई
गई तो कुछ बन गई है | इस विचार से औरते सोचती है कि, “मुझे ती यह करना ही है| अगर
में नहीं करुँगी उनका (पति, बच्चे, सास, ससुर, पिताजी इत्यादी ) क्या होगा ? शायद इस प्रश्न से वो हमेशा झूझती रहती है | इसलिए वो जो चाहे वो करती है | उसमे वह अपने आप को तथा दुसरोंको भी खुश करती है |
पर सवाल मेरा यह फिर से है कि, क्या वो यह सबकुछ करके खुश रह पाती है? शायद हां ! मेरी आज ही गीता बेन से बात हुई कि, उसने आजकल सबकुछ छोड़ दिया है | वो मारवाड़ी के घर काम कर रही है | और वो अब सिर्फ अपने बहन और उसके लड़के को देख रही है | बस ! अपना काम भला और में भली | और इस सोच से वो खुश भी है |
आंटी जी ने आगे कहा कि, “आजकल
लड़कियोंको सजग रहना चाहिए| दिल्ली
में जो गैंग रेप हुआ उससे पूरा दुनिया में तमाशा हुआ | वह लड़की अगर अपने दिमाग का इस्तेमाल करती तो उसके साथ कुछ
नहीं होता | इसलिए लड़कियों ने अपने पर्से में हमेशा
कुछ ना कुछ रखना चाहिए जैसे मिर्ची का पावडर, स्प्रे
इत्यादी | ताकि वे अपने जान को बचा पायेगी | औरत कितनी भी होशियार या निडर हो पर उसे तो डर लगता ही है | हमेशा उसने अपने आप को सतर्क रखना चाहिए |
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